Saturday 19 March 2016

Parents-My First Priority Always!


मा कि गोध, पापा के कंधे, 
आज याद आते हैन बचपन  के वोह लम्हे...!

 रोते हुए सो जाना, खुद से बात करते हुए खो जाना,
 वो मा के अवाज लगना और खाना अपने हाथों से खिलाना !
   .
  वो पापा के दाण्ट्ट  लगना .
  अपनी जिद पुरी कर्वाने के लिए नखरे दिखाना
    .
  क्या वो दिन थे बचपन के सुहाने,
  क्युं लगते हैं सब आज सब बेगाने !
    .
  अब जिद भी अपनी, सपने भी अपने,
  किस से कहें क्या चाहिए !
    .
 मंजिलों को धूनते, हुए कहाँ खो गए, 
 सोचता हुन् क्यून हम इतने बढे हो गए ??

Source: Internet

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